Thursday 27 June 2013


क्या आप केला खाने का शौंक रखते है तो इसे निरंतर रखिये.

जापानी वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार एक पूरा पका हुआ केला (जिस पर पीले रंग की त्वचा के ऊपर काले धब्बे हो) एक पदार्थ पैदा करता है जिसे टी.एन.एफ.((Tumor Necrosis Factor) बुलाया जाता है, जो हमारी असामान्य कोशिकाओं (जो कैंसर पैदा करती है) से मुकाबला करने की क्षमता है रखता है.
पीले रंग के केले के ऊपर गहरे काले धब्बे अपनी प्रतिरोधक क्षमता को 8 गुना तक बढ़ाने की गुणवत्ता रखता है, इसलिए, केला एक बेहतर कैंसर विरोधी गुणवत्ता रखने वाला फल है. ये हमारे शरीर में सफ़ेद रक्त कोशिकाओ में वृद्धि करता है.

एक दिन में 1-2 केले खाने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है.

Thanks you for reading this.
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http://swasthyavigyan.blogspot.in/2013/06/blog-post.html

VICKS VAPORUB IS A POISON. AVOID THIS.

भारत मे एक विदेशी कंपनी हैं procter and gamble ( P&G ) ! जो भारत मे vicks vaporub नाम की एक दवा बेचती है ! क्या आप जानते हैं VICKS नाम की दावा अमेरिका में बनाना और बेचना दोनों जुर्म है, WHO (world health organisation ) ने खुद इसे जहर घोषित किया है !

... आप google पर भी "vicks vaporub banned " लिख कर search कर सकते हैं ! अमेरिका मे अगर किसी डॉक्टर ने किसी को VICKS vaporub की prescription लिख दे तो उस डॉक्टर को 14 साल की जेल हो जाती है, उसकी डिग्री छीन ली जाती है |

क्यूंकि की vicks vaporub जहर है, ये आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा कर सकता है | इसीलिए दुनिया भर में WHO और वैज्ञानिको ने इसे जहर घोषित किया | और ये जहर भारत में सबसे ज्यादा बिकता है विज्ञापनो की मदद से |

लेकिन क्या आप जानते हैं ?? भारत मे एक कानून है ? उस कानून के अनुसार किसी भी दवा का विज्ञापन टीवी,अखबार, या किसी भी मैगजीन पे नही दिया जा सकता ! लेकिन इसके बावजूद भी पैसे के ताकत से, घूसख़ोरी से ये सब होता है ! और द्वाईयों के विज्ञापन लगातार टीवी, अखबारों आदि मे दिखाये जाते हैं !

और ये vicks vaporub नाम की दवा कितनी महंगी आपको बेची जाती है !

25 ग्राम 40 रूपये की है
तो 50 ग्राम 80 रूपये की
तो 100 ग्राम 160 रूपये की

मतलब 1 किलो vicks की 1600 रूपये हुई ! 1600 रूपये किलो का जहर खरीद आप खुद लगा रहे हैं और अपने बच्चों को लगा रहे हैं ! जिससे आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा TB हो सकता है !!

सर्दी खांसी की आयुर्वेद मे बहुत अच्छी दवा है उसका नाम है ! दालचीनी (ध्यान रहे ये दालचीनी आम घरो मे होने वाली आम दाल और चीनी नहीं है ) ज्यादा न पता हो तो google पर "दालचीनी" लिख photo देख लें ! इस दालचीनी को पीस ले और एक चम्मच शहद के ऊपर कुछ चुटकी डाले और सीधा निगल जाएँ बहुत ही ज्यादा लाभकारी हैं ! अगर किसी को गले मे ज्यादा दर्द हो या tonsils की समस्या हो ! तो आप एक चुटकी शुद्ध हल्दी बिलकुल गले मे घंटी की पास रखे ! मात्र 3 दिन करने से आपको बहुत अधिक लाभ होगा !!

इस vicks नाम के जहर को घर से बाहर फेंके और RTI माध्यम से सरकार से सवाल करे की अगर ये अगर अमेरिका मे ban है तो भारत मे क्यूँ बिक रही है !! एक भाई ने 28 जनवरी 2013 को RTI की website पर सवाल भी पूछा था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया !!


vicks पेट्रोलियम जेल्ली से बनता है जिसकी कीमत 60 -70 रुपिया किलो है और विक्स की बिक्री में procter and gamble कंपनी को 20000 % से जादा का मुनाफा है | ये मुनाफा आप की जेब से लूटा जा रहा है और सरकार इस घोटाले में शामिल है | सरकार ने लाइसेन्स दे रखी है, आँखे बंद कर रखी है और कंपनी देश को लूटा जा रहा है |

आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!

FOR VIDEO CLICK THE LINK.
http://www.youtube.com/watch?v=jM4zjT1b6Ic

अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !

वन्देमातरम !!

Thursday 20 June 2013


मधुमेह-SUGAR-DIABETES
अगर आप या आपके घर या आपके पड़ोस में कोई है जो डायबिटीज से लड़ रहा है तो यह ज़रूर पढ़े.


For More detail you can contact me, my Name is Chetan Singh, contact no. is 9023481739.

मधुमेह आज की व्यस्त जीवन चर्या का परिणाम है। इससे भी अधिक चिंताजनक है इसका नवयुवको एवं नवयुवतियों को अपनी गिरफ्त में लेना। यह चलन विशेषत: विकासशील देशों में अधिक देखा गया है जहॉँ अचानक आर्थिक शक्ति की वृद्धि के कारण सामान्य दिन चर्या मे नौजवानो को विमुख कर और शारीरिक श्रम के प्रति उदासीन कर दिया है। इसके अतिरिक्त मधुमेंह के रोगियो की वृद्धि के बहुत कारण है
यह स्थिति और भी विकराल होती है क्योंकि इस बीमारी को समझने के लिये जन साधारण प्रयास नही करते।
कितना आहार लेना कब आहार लेना, क्या आहार लेना, किस प्रकार का व्यायाम करना जिससे रोग में अधिकतम लाभ हो, आदि विषय की जानकारी उन्हें प्रामाणिक ढ़ग से नही मिल पाती जिससे वे व्यक्ति और परेशान हो जाते हैं।
हर उम्र और वर्ग में अलग-अलग कारणों से अलग-अलग रूप में मधुमेह होती है।

आइये समझे मधुमेह को। (Let's understand diabetes)
मधुमेह एक ऐसी अवस्था है जिसमे शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाती है या शरीर में इन्सुलिन तो होता है मगर वो सही तरीके से शुगर नहीं बना पाता। अग्नाशय इन्सुलिन बनाता है, इन्सुलिन एक हॉर्मोन है। (हार्मोन एक रसायन होता है। जो एक सेल या एक ग्रंथि या शरीर के एक भाग में एक अंग द्वारा जारी किया जाता है। यह उस जीव के अन्य भागों में कोशिकाओं को प्रभावित करता है।) अगर व्यक्ति का शरीर इन्सुलिन उत्पादन कम कर दे तो फिर शरीर में शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाती है। जो काफी चिंताजनक विषय है।
इससे रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा इन्सुलिन की कमी के कारण बढ़ जाती है अगर रक्त में इस ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह कई अन्य शारीरिक समस्याऎं उत्पन्न कर सकती हैं।
अगर एक बार दवा-इलाज, विशेषकर इन्सुलिन लेने के चक्कर में फँस गए तो वे जीवन पर्यन्त इस चक्र से निकल न सकेंगे। इस चक्कर में पड़कर घनचक्कर बनने से बचने के लिए सन्तुलित आहार लेना बहुत आवश्यक है।
मधुमेह एक नज़र में
1.       अगर वर्षा की बूंदे सही समय पर सही मात्रा में बरसे तो वो अमृत की तरह होती है, उसी तरह शरीर को भी ग्लूकोज़ की आवश्यकता होती है।
2.       जिस तरह वर्षा का जल सही निकास होने पर सही जगह पर पहुँचता है और उपयोगी होता है, उसी प्रकार भोजन से रक्त में पहुंचा ग्लूकोज़ इन्सुलिन की मदद से सही स्थान अर्थात कोशिकाओं के भीतर पहुँचता है तो उर्जा प्रदान करता है। 
3.       यदि बाढ़ आ जाये तो जल नुकसानदायक भी हो सकता है, ठीक उसी तरह रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर अधिक रहे तो ये भी शरीर को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है ।
4.       बारिश का पानी निकास ना होने के कारण, बाढ़ का रूप ले कर, नुकसान पहुंचाता है, उसी तरह भोजन से रक्त में पहुंचा ग्लूकोज़, इन्सुलिन की कमी होने पर सही स्थान पर नहीं पहुँच पाता और रक्त में ही घूमता रहता है और शरीर को नुक्सान पहुंचाता है।


 इन्सुलिन

1.       हमारे शरीर के लिए इन्सुलिन का वही महत्व है जो वृक्ष के लिए पानी का।
2.       मधुमेह का अर्थ है इन्सुलिन की कमी, ये शरीर को वैसे ही प्रभावित करती है जैसे वृक्ष को पानी की कमी।
3.       मधुमेह में दवाएं शरीर में इन्सुलिन के बहाव को बढाती है, यह एक पंप द्वारा भूमिगत पानी एक वृक्ष को उपलब्ध कराने जैसा है।
4.       शरीर में इन्सुलिन का उत्पादन एक स्तर से गिर जाने पर दवाओ की अधिकतम डोज़ भी कारगर नहीं होती, जैसे भू जल स्तर गिर जाने पर अधिकतम क्षमता वाला पंप भी पानी नहीं देता।
5.       जिस प्रकार भू जल स्तर गिर जाने पर बाहर से पानी लाना एक मात्र समाधान है, उसी प्रकार शरीर को बाहरी स्रोत से इन्सुलिन देना एक मात्र समाधान है।
6.       इन्सुलिन कोई दवा नहीं बल्कि एक प्राकर्तिक हॉर्मोन है, जो जनम से मृत्यु तक हमारे शरीर में बनता है। इन्सुलिन की कमी का अर्थ है मधुमेह(SUGAR)। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन्सुलिन की प्रयाप्त मात्रा ज़रूरी होती है, दवाइयों और आवश्यकता पड़ने पर इन्सुलिन इंजेक्शन स्वस्थ बने रहने के लिए ज़रूरी है।
क्या मधुमेह रक्त में अतिरिक्त SUGAR की समस्या है.
बिल्कुल नहीं। मगर ये समस्या तब बनती है जब शरीर के सेल इस SUGAR को अपने अन्दर पचा नहीं पाते। रक्त में ज़्यादा SUGAR होने की बजाये वो स्तिथि बहुत बुरी या खतरनाक है जब हमारा शरीर SUGAR प्राप्त नहीं कर पाता। जहाँ तक शरीर का सम्बन्ध है तो SUGAR इसके लिए एनर्जी का काम करती है जो शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। याद रखिये शरीर को बेहतरीन तरीके से काम करने के लिए लगातार उर्जा चाहिए। शरीर और दिमाग के cells के लिए बहुत प्रकार के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है जिनमे से एक है SUGAR. शरीर के cells में उर्जा, रक्त में SUGAR के माध्यम से पहुंचाई जाती है। संचार प्रणाली SUGAR को हमारे शरीर के cells में पहुंचाती है वो भी इन्सुलिन की सहायता से। SUGAR हमारे cells में तभी जा सकती है जब हमारे cells SUGAR लेने के लिए खुले हो। इन्सुलिन एक चाबी की तरह काम करता है जो हमारे cells को खोलता है तांकि रक्त से SUGAR cells में पहुंचाई जा सके।
SUGAR के कारण
1.   डायबिटीज का कारण है इंसुलिन हार्मोंन का कम निर्माण होना। जब इंसुलिन कम बनता है तो कोशिकाओं तक और रक्त में शुगर ठीक से नहीं पहुंच पाती जिससे सेल्स की एनर्जी कम होने लगती है और इसी कारण से शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है। जैसे- बेहोशी आना, दिल की धड़कन तेज होना इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं।
2.   डायबिटीज के कारण इंसुलिन के कम निर्माण से रक्त में शुगर अधिक हो जाती है क्योंकि शारीरिक ऊर्जा कम होने से रक्त में शुगर जमा होती चली जाती है जिससे कि इसका निष्कासन मूत्र के जरिए होता है। इसी कारण डायबिटीज रोगी को बार-बार पेशाब आता है।
3.       डायबिटीज होने के और भी कारण है। यह अनुवांशिक भी होती है। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य मां-बाप, भाई-बहन में से किसी को है तो भविष्य में आपको भी डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है।
4.       आपका समय पर ना खाना, बहुत अधिक जंकफूड खाना या आपका मोटापा भी डायबिटीज का मुख्य कारक है।
5.       आपका वजन बहुत बढ़ा हुआ है, आपका बीपी बहुत हाई है और कॉलेस्ट्रॉल भी संतुलित नहीं है तो आपको डायबिटीज हो सकता है।
6.       बहुत अधिक मीठा खाने, नियमित रूप से बाहर का खाना खाने, कम पानी पीने, एक्सरसाइज ना करने, खाने के बाद तुरंत सो जाने या ज्यादा समय तक लगातार बैठा रहना इत्यादि कारण भी डायबिटीज को जन्म दे सकते हैं।
7.       वर्तमान में बच्चों में होने वाली डायबिटीज का मुख्य कारण उनका रहन-सहन और खानपान है। इसके साथ ही शारीरिक रूप से निष्क्रियता भी बच्चों को डायबिटीज की और अग्रसर कर सही है। इसलिए उनको नियमित सैर या OUTDOOR GAMES के लिए प्रेरित करे।
8.       यदि आप चाहते हैं कि आप और आपका परिवार डायबिटीज से बचें तो उसके लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाना जरूरी है। जिसमें एक्सरसाइज और हेल्दी फूड को खास प्राथामिकता दें।
 लक्षण
1.   बार बार पेशाब जाने की ज़रूरत महसूस करना।
2.   पेशाब से तेज़ बदबू का आना।
3.   बार बार प्यास लगना।
4.   गरम और रुखी त्वचा।
5.   तेज़ और असरल श्वांस प्रक्रिया।
6.   धड़कन का कमज़ोर होना।
7.   पेट सम्बन्धी दर्द।
8.   पैरो में दर्द।
9.   व्यक्ति चिडचिडा हो जाता है।
10. हर पल थकान और कमजोरी महसूस करना।
11. भूखा और कुछ मीठा खाने की ज़िद करना।
12. भ्रम की स्थिति में रहना, इत्यादि।
13. आंखें कमज़ोर होना- 
14. घाव का जल्दी न भरना
15. आनुवंशिक
जांच
 सुबह खाली पेट रक्त की जाँच में शर्करा की मात्रा 80 से 120 एमजी (प्रति 100 सीसी रक्त) के बीच में होना सामान्य स्वस्थ अवस्था होती है। यदि यह अवस्था हो तो मनुष्य स्वस्थ है। यदि शर्करा की मात्रा 120 एमजी से ज्यादा, लेकिन 140 एमजी से कम हो तो यह मधुमेह की प्रारंभिक अवस्था होगी। यदि 140 एमजी से ज्यादा हो तो मधुमेह रोग ने जड़ जमा ली है ऐसा माना जाएगा।

भोजन करने के दो घण्टे बाद की गई जाँच में भी रक्त शर्करा 120 एमजी से कम पाई जाए तो मनुष्य स्वस्थ है, किन्तु यदि 140 एमजी तक या इससे कम पाई जाए तो मधुमेह होने की प्रारंभिक अवस्था मानी जाएगी, लेकिन अगर 140 एमजी से ज्यादा पाई जाए तो मधुमेह रोग से ग्रस्त होना मान लिया जाएगा। मधुमेह धीरे-धीरे पनपता है और जब तक उग्र अवस्था में न पहुँच जाए तब तक इसका साफ पता नहीं चल सकता, इसलिए मोटे शरीर वाले और 40 वर्ष से अधिक आयु वाले स्त्री-पुरु षों को 2-3 माह में एक बार स्वमूत्र और रक्त की जाँच कराते रहना चाहिए। यदि पेशाब में शर्करा पाई जाए या रक्तगत SUGAR सामान्य मात्रा से ज्यादा पाई जाए तो अपने आहार में तुरन्त उचित सुधार कर सन्तुलित आहार लेना शुरू कर देना चाहिए और आवश्यक परहेज का सख्ती से पालन करना चाहिए।
समाधान।
एलोपैथी, भारत में अब तक बुरी तरह विफल रही है। जो दवा हम डायबिटीज के लिए लेते है उसमे  इन्सुलिन नहीं होता। वैसे भी अगर हम इन्सुलिन मौखिक रूप से ले तो ये ज्यादा फायदेमंद नहीं होता। टेबलेट्स शुगर को हमारे cells में अवशोषित करने की मदद करती है। टेबलेट्स और इन्सुलिन रासायनिक होती है जिनके अपने साइड इफेक्ट्स होते है। इनके द्वारा भी कोई पुख्ता समाधान संभव नहीं है। आप केवल कुछ दिनों या कुछ घंटो तक अपनी समस्या को स्थगित कर सकते हैं। डायबिटीज को शुरुआती अवस्था में आप प्रयाप्त और संतुलित आहार या योगा से नियंत्रित कर सकते है। लेकिन, ज़ाहिर है, आपको एक संतुलित आहार के बारे में और सही योगासन के बारे में स्पष्ट रूप से  जानकारी होनी चाहिए। ये कहने की जरूरत नहीं कि मोटापे से ग्रस्त लोगों को पहले अपना वज़न कम करना होगा।
Stabilized एलो वेरा जैल कैसे मदद करता है।
Stabilized एलो वेरा जैल कि पहले बूँद जो शरीर के अन्दर जाती है शरीर को ज़हर मुक्त बनाने का काम शुरू करती है, हमारा शरीर इसको बेहद आसानी से पचा लेता है. याद रहे एलो वेरा एक प्राकृतिक ज़हर नाशक एजेंट है। ये गुर्दे को उत्तेजित करता है, जो के अपने आप में एक ऐसा अंग है जो शारीर को निरंतर ज़हर मुक्त करता है। एलो वेरा खून परिसंचरण को बढ़ा देता है और हमारे रोग प्रतिरोधक सिस्टम को मज़बूत करता है अपने अन्दर समाये हुए ढेरो विटामिन्स, एमिनो एसिड्स, एंजाइमों, फाइबर और वो सारे पोषक तत्वों से जिनकी हमारे शरीर में बहुत कमी हो गयी थी। और सबसे महत्वपूर्ण ये हमारे पैंक्रियास(अग्नाशय) को उत्तेजित करता है जो हमारे शरीर में इन्सुलिन बनाने का काम करता है। इन्सुलिन को सही ढंग से काम करने के लिए chromium picolinate की बेहद ज़रूरत रहती है. ये एक बेहद महत्वपूर्ण मिनरल (खनिज) है, इन्सुलिन क्रोमियम की मदद से इन्सुलिन कार्बोहायड्रेट, वसा, और प्रोटीन को शुगर के रूप में बदलती है जो कि बाद में हमारे शरीर के लिए उर्जा का काम करती है. और stabilized एलो वेरा में ये मिनरल (खनिज) मौजूद रहता है. जिसकी वजह से इन्सुलिन बेहतरीन काम करता है. Carboxypeptidases एलो वेरा में पाए जाने वाला एक अहम् एंजाइम है जो भोज को पचाने में मदद करता है और हमारे शारीर के बायोलॉजिकल प्रोसेस को सही ढंग से चलने में मदद करता है और सके साथ ये घावों को जल्दी भरने में मदद करता है.


क्या  खाये क्या  ना खाये
इस बीमारी को घरेलू इलाज से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते है मधुमेह को घरेलू इलाज से कैसे कंट्रोल कर सकते हैं।
मधूमेह को ठीक करने के लिए घरेलू इलाज-
1. करेला- 
डायबिटीज में करेला काफी फायदेमंद होता है, करेले में कैरेटिन नामक रसायन होता है, इसलिए यह प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में इस्तेमाल होता है, जिससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
2. मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्चित ही आपका ग्लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा, और आपको मधुमेह से राहत मिलेगी। 
3. जामुन- जामुन का रस, पत्ती़ और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकता हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है।
4. आमला- एक चम्मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पीएं , यह मधुमेह की सबसे अच्छी दवा है। 
5. आम की पत्ती - 15 ग्राम ताजे आम के पत्तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी मधुमेह में लाभ होता है।
6. शहद- कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यू ट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। शहद मधुमेह को कम करने में सहायता करता है।

नीबू से प्यास बुझाइए
मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।
खीरा खाकर भूख मिटाइए
मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
गाजर-पालक को औषधि बनाइए
इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है।
रामबाण औषधि है शलगम
मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलगम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित SUGAR की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलगम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं।
जामुन खूब खाइए
मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए। जामुन की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को SUGAR में बदलने से रोकता है। गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है।
करेले का इस्तेमाल करें
प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। इससे आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। अभी-अभी नए शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी, मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।
मैथी का प्रयोग कीजिए
मधुमेह के उपचार के लिए मैथीदाने के प्रयोग का भी बहुत चर्चा है। दवा कंपनियाँ मैथी के पावडर को बाजार तक ले आई हैं। इससे पुराना मधुमेह भी ठीक हो जाता है। मैथीदानों का चूर्ण बनाकर रख लीजिए। नित्य प्रातः खाली पेट दो टी-स्पून चूर्ण पानी के साथ निगल लीजिए। कुछ दिनों में आप इसकी अद्भुत क्षमता देखकर चकित रह जाएँगे।
चमत्कार दिखाते हैं गेहूँ के जवारे
गेहूँ के पौधों में रोगनाशक गुण विद्यमान हैं। गेहूँ के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड के नाम से पुकारा जाता है। जवारे का ताजा रस निकालकर आधा कप रोगी को तत्काल पिला दीजिए। रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में करें।
 
अदरक
अदरक भोजन का जायका ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी सेहत के लिए भी यह फायदेमंद है। दादी, नानी के नुस्खों में इसे स्वाद एवं सेहत बादशाह का नाम दिया गया है और अब वैज्ञानिकों ने भी तरह-तरह के प्रयोगों से इसे गुणों की खान माना है। वैज्ञानिकों की नई शोध में अदरक मधुमेह की बीमारी में बेहद कारगर साबित हुई है। यूनीविर्सटी आफ सिडनी के फारमास्यूटिकल कमेस्ट्री के प्रोफेसर बासिल रौफोगालिस की प्लांटा मेडिका में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। प्रो.बासिल के अनुसार अदरक का रस खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।
प्रो. रौफोगालिस के अनुसार मरीज में मधुमेह का रोग पुराना होने पर बहुत सी परेशानियों को जन्म देता है। हमारे शरीर के प्रमुख अंग इससे प्रभावित होते हैं। ऐसे में अदरक का रस ऐसे रोगियों के लिए बेहद ही फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि अदरक का मुख्य जिंजररोल्स खून मे शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

इनका बहुत कम, या ना के बराबर इस्तेमाल करना चाहिये.
नमक, चीनी, गुड, घी, तेल, दूध व दूध से निर्मित वस्‍तुऍं परांठे, मेवे, आइसक्रीम, मिठाई, मांस, अण्‍डा, चॉकलेट, सूखा नारियल
इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिये.
तला-भुना भोजन, उड़द की दाल, अचार
खाद्य प्रदार्थ जो अधिक खाना चाहिए।
हरी सब्जियॉं, खीरा, ककडी, टमाटर, करेला, प्‍याज, लहसुन, नींबू और भोजन का समय जहॉं तक संभव हो निश्चित होना चाहिए और लम्‍बे समय तक ‍भूखा नही रहना चाहिये।

अगर आप दवाये ले ले कर परेशान हो चुके हो और अपनी बीमारी के प्रति उदासीन हो चुके हो तो घबराये नहीं, आप स्वस्थ ज़रूर होंगे, हम आपको बताएँगे कुछ ऐसे हेल्थ सप्लीमेंट्स के बारे में जो आपको बिलकुल तंदरुस्त कर देंगे.

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इस जानकारी को बस यही ध्यान में रख कर बनाया गया है के आप शुगर को सही तरीके से समझ सके. अगर आपको लगता है की आपको शुगर है तो सब कुछ घर पे करने की बजाये एक बार डॉक्टर की राय अवश्य ले.

भगवान् आपको तंदरुस्ती दे.